आग लगाना मेरी फितरत में नही है… -Aag Lagana Meri Fitrat Mein Nahi Hai
आग लगाना मेरी फितरत में नही है,
मेरी सादगी से लोग जलें तो मेरा क्या कसूर।
Aag Lagana Meri Fitrat Mein Nahi Hai,
Meri Saadgi Se Log Jale Toh Mera Kya Kasoor.
आग लगाना मेरी फितरत में नही है,
मेरी सादगी से लोग जलें तो मेरा क्या कसूर।
Aag Lagana Meri Fitrat Mein Nahi Hai,
Meri Saadgi Se Log Jale Toh Mera Kya Kasoor.
मार ही डाले जो बे मौत, ये दुनिया वाले, हम जो जिन्दा हैं तो जीने का हुनर रखते हैं। Maar hee... read more
बदलना चाहते हो तो शौक से बदलो, मगर इतना याद रखना… जो हम बदले तो करवटें बदलते रह जाओगे।. Badalana Chaahate Ho To... read more
सूरज, चाँद और सितारे मेरे साथ में रहे, जब तक तुम्हारा हाथ मेरे हाथ में रहे, शाखों से जो टूट जाये... read more
हम अच्छे सही पर लोग ख़राब कहतें हैं, इस देश का बिगड़ा हुआ हमें नवाब कहते हैं, हम ऐसे बदनाम हुए... read more
गुमान ना कर अपने दिमाग पर ऐ दोस्त, जितना तेरे पास है उतना तो मेरा खराब रहता है। Gumaan Na Kar... read more
कचरे में फेंकी हुई रोटियां रोज ये ब्यान करती है.. कि पेट भरते ही इंसान अपनी औकात भूल जाता है…!! Kachare... read more
बेवक़्त, बेवजह, बेहिसाब मुस्कुरा देता हूँ, आधे दुश्मनो को तो यूँ ही हरा देता हूँ। Bewakt, bevajah, Behisab muskura deta hoon, aadhe... read more
गढ़वाली शेरो शायरी – garhwali shayari सौदा नी ब्योपार नी। यु नकद नी उधार नी। माया बस माया होंदी माया कैकि भी चार... read more
garhwali shayari – गढ़वाली शेरो शायरी ख्याल त्येरू मैं दगडी दिन रात रेंदू. मन ब्वोदू हाथों माँ त्येरू हाथ चेंदू. जिकुड़ी करदी... read more
अभी शीशा हूँ सबकी आँखों में चुभता हूं, जब आईना बनूँगा सारा जहाँ देखेगा। Abhi Sheesha Hun Sabki Aankho Mein Chubhta... read more