आग लगाना मेरी फितरत में नही है… -Aag Lagana Meri Fitrat Mein Nahi Hai
आग लगाना मेरी फितरत में नही है,
मेरी सादगी से लोग जलें तो मेरा क्या कसूर।
Aag Lagana Meri Fitrat Mein Nahi Hai,
Meri Saadgi Se Log Jale Toh Mera Kya Kasoor.
आग लगाना मेरी फितरत में नही है,
मेरी सादगी से लोग जलें तो मेरा क्या कसूर।
Aag Lagana Meri Fitrat Mein Nahi Hai,
Meri Saadgi Se Log Jale Toh Mera Kya Kasoor.
जब लै मै चहानू तकै मकै अणंकसे है जां हीमोग्लोबिन मूंण ए जां बीपी माथ नहै जां……. Jab lai mai chahan takee makee anakase... read more
तुम्हारा हुस्न आराइश.तुम्हारी सादगी जेवर, तुम्हें कोई जरूरत ही नहीं बनने-संवरने की Tumhaara husn aarais.tumhaari saadgi jevar, tumhein koi zaroorat hee... read more
“खिड़की में बैठ मेरी ईजा चेह री होली बाँट बाँटा कब लौट बे ऊलो मी परदेस बटी लैग रो... read more
गढ़वाली शेरो शायरी – garhwali shayari कितली कि चा इस्टील का गिलास। पलायन पर चलणी चर्चा यख खास। हम बूड बुड्या रैग्यां... read more
चमक सूरज की नहीं मेरे किरदार की है, खबर ये आसमाँ के अखबार की है, मैं चलूँ… तो मेरे संग कारवाँ... read more
ना मिल्न की खुसी होली ना बिछुडन कु गम कन के बतान की कन छीन हम बस इतगा समझा की ब्याली... read more
जो दिल को अच्छा लगता है उसी को दोस्त कहता हूँ, मुनाफ़ा देखकर रिश्तों की सियासत मैं नहीं करता। Jo dil ko accha... read more
इतना भी गुमान न कर अपनी जीत पर ऐ बेखबर, शहर में तेरे जीत से ज्यादा चर्चे तो मेरी हार... read more
garhwali shayari – गढ़वाली शेरो शायरी स्याण चांदु छो पर नींद नी आंदी चा, करवट बदल – बदली की यनी रात... read more
दिखाई कब दिया करते हैं बुनियाद के पत्थर… ज़मीं में जो दब गये इमारत उन्हीं पे क़ायम है… Dikhayi kab diya... read more