आग लगाना मेरी फितरत में नही है… -Aag Lagaana Meri Phitarat Mein Nahin Hai
आग लगाना मेरी फितरत में नही है,
मेरी सादगी से लोग जलें तो मेरा क्या कसूर।
Aag lagaana meri phitarat mein nahin hai,
meri saadagee se log jalen to mera kya kasoor.
आग लगाना मेरी फितरत में नही है,
मेरी सादगी से लोग जलें तो मेरा क्या कसूर।
Aag lagaana meri phitarat mein nahin hai,
meri saadagee se log jalen to mera kya kasoor.
ना तो बिका हूँ ना ही कभी बिक पाऊंगा, ये ना समझना मै भी हज़ारो जैसा हूँ। Na to bika hoon... read more
हमारी हैसियत का अंदाज़ा, तुम ये जान के लगा लो, हम कभी उनके नही होते, जो हर किसी के हो जाए।। Hamari haisiyat... read more
हम बसा लेंगें एक दुनिया किसी और के साथ, तेरे आगे रोयें अब इतने भी बेगैरत नहीं हैं हम। Hum Basaa... read more
हम अच्छे सही पर लोग ख़राब कहतें हैं, इस देश का बिगड़ा हुआ हमें नवाब कहते हैं, हम ऐसे बदनाम हुए... read more
लाख तलवारे बढ़ी आती हों गर्दन की तरफ, सर झुकाना नहीं आता तो झुकाए कैसे। Laakh talavaare badhee aatee ho gardan... read more
दिलों से खेलना हमें भी आता है पर जिस खेल में खिलौना टूट जाए, वो खेल हमें पसंद नही..! Dilon se khelna... read more
के भलौ हैसोंण उइक के भली उइक चाल हय भल-भल चहाइयै रै गय हमर ती बुर हाल हय ke bhalau haison uik ke bhali... read more
दुशमनों को सज़ा देने की एक तहज़ीब है मेरी। मैं हाथ नहीं उठाता, नज़रों से गिरा देता हूँ। Dushmanon ko saja... read more
सूरज, सितारे, चाँद मेरे साथ में रहे, जब तक तुम्हारे हाथ मेरे हाथ में रहे, शाखों से जो टूट जाये वो... read more
तेरे गुरूर को देखकर तेरी तमन्ना ही छोड़ दी हमने, जरा हम भी तो देखें कौन चाहता है तुम्हें हमारी... read more