जहाँ कदर न हो अपनी… -Jaha Kadar Na Ho Apni
जहाँ कदर न हो अपनी वहाँ जाना फ़िज़ूल है,
चाहे किसी का घर हो चाहे किसी का दिल।
Jaha Kadar Na Ho Apni Waha Jana Fizul Hai,
Chahe Kisi Ka Ghar Ho Chaahe Kisi Ka Dil..
मार ही डाले जो बे मौत, ये दुनिया वाले, हम जो जिन्दा हैं तो जीने का हुनर रखते हैं। Maar hee... read more
Na Milne ki Khusi Hogi… Naa Bichhadne Ka Gam… Udas Hain Ham.. Kaise Batayain Kaise hain Ham… Bas Itna Samj Lo... read more
अगर लोग यूँ ही कमियां निकालते रहे तो, एक दिन सिर्फ खूबियाँ ही रह जायेगी मुझमें । Log Agar Yun Hi... read more
त्यर मुखड़ देखनु तो सिवैंन ज पडैं, आँखों बै दूर हुंछे तो चुड़फुड़ाट हैजां, अब या तो तू म्यर अघिलै ब... read more
आग लगाना मेरी फितरत में नही है, मेरी सादगी से लोग जलें तो मेरा क्या कसूर। Aag Lagana Meri Fitrat Mein... read more
सब बिमारी कौ एकै इलाज एक चणकौन चहा गिलास Sab bimaaree ka ek ilaaj ek chanakon chaha gilaas read more
ये हुस्न-ए-राज़ मुहब्बत छुपा रहा है कोई है अश्क आँखों में और मुस्कुरा रहा है कोई Ye husn-e-raaz muhabbat chhupa raha... read more
मुझे घमंड था की मेरे चाहने वाले बहुत है इस दुनिया में, बाद में पता चला की सब चाहते है अपनी ज़रूरत... read more
ठोकर ना लगा मुझे पत्थर नहीं हूँ मैं, हैरत से ना देख कोई मंज़र नहीं हूँ मैं, तेरी नज़र में मेरी... read more
मैंने वो खोया जो मेरा कभी था ही नहीं लेकिन तुमने वो खोया जो सिर्फ तुम्हारा था maine vo khoya jo... read more