आग लगाना मेरी फितरत में नही है… -Aag Lagana Meri Fitrat Mein Nahi Hai
आग लगाना मेरी फितरत में नही है,
मेरी सादगी से लोग जलें तो मेरा क्या कसूर।
Aag Lagana Meri Fitrat Mein Nahi Hai,
Meri Saadgi Se Log Jale Toh Mera Kya Kasoor.
आग लगाना मेरी फितरत में नही है,
मेरी सादगी से लोग जलें तो मेरा क्या कसूर।
Aag Lagana Meri Fitrat Mein Nahi Hai,
Meri Saadgi Se Log Jale Toh Mera Kya Kasoor.
दिखाई कब दिया करते हैं बुनियाद के पत्थर… ज़मीं में जो दब गये इमारत उन्हीं पे क़ायम है… Dikhayi kab diya... read more
Kabhi pehli bar school jaane mei dar lagta tha.. Aaj har rasta khud hi chunte hai !! Kabhi mummy-papa ki har... read more
पहाड़क हाव, पहाड़क पांणि जैल नि चाख उइल के जांणि पहाड़ हरी-भरी गाड़ हरदम भरी पिरूवक भरी भ्यो अरड़ा पांणि नहौ ऊंच्चा डाव सौक सुकिलौ हिमाला... read more
जो दिल को अच्छा लगता है उसी को दोस्त कहता हूँ, मुनाफ़ा देखकर रिश्तों की सियासत मैं नहीं करता। Jo dil ko accha... read more
हमारी हैसियत का अंदाज़ा, तुम ये जान के लगा लो, हम कभी उनके नही होते, जो हर किसी के हो जाए।। Hamari haisiyat... read more
चलो आज फिर थोडा मुस्कुराया जाये, बिना माचिस के कुछ लोगो को जलाया जाये। Chalo Aaj Phir Thoda Muskuraya Jaye, Bina Maachis... read more
एट्टीट्यूड तो हम मरने के बाद भी दिखाएंगे, दुनिया पैदल चलेगी और हम कंधो पर Attitude too ham marne ke baad... read more
खोटे सिक्के जो अभी अभी चले हैं बाजार में, वो कमियाँ निकाल रहे हैं मेरे किरदार में। Khote Sikke Jo Abhi... read more
सब बिमारी कौ एकै इलाज एक चणकौन चहा गिलास Sab bimaaree ka ek ilaaj ek chanakon chaha gilaas read more
जीत रही हूँ लाखो लोगो का दिल ये दो शायरी करके,,, लेकिन लोगो को क्या पता अंदर से कितनी अकेली... read more