गुमान ना कर अपने दिमाग पर ऐ दोस्त… -Gumaan Na Kar Apne Dimaag Par Ai Dost
गुमान ना कर अपने दिमाग पर ऐ दोस्त,
जितना तेरे पास है उतना तो मेरा खराब रहता है।
Gumaan Na Kar Apne Dimaag Par Ai Dost,
Jitna Tere Paas Hai Utna Mera Kharab Rehta Hai.
गुमान ना कर अपने दिमाग पर ऐ दोस्त,
जितना तेरे पास है उतना तो मेरा खराब रहता है।
Gumaan Na Kar Apne Dimaag Par Ai Dost,
Jitna Tere Paas Hai Utna Mera Kharab Rehta Hai.
अभी शीशा हूँ सबकी आँखों में चुभता हूं, जब आईना बनूँगा सारा जहाँ देखेगा। Abhi Sheesha Hun Sabki Aankho Mein Chubhta... read more
जो दिल को अच्छा लगता है उसी को दोस्त कहता हूँ, मुनाफ़ा देखकर रिश्तों की सियासत मैं नहीं करता। Jo dil ko accha... read more
दिलों से खेलना हमें भी आता है पर जिस खेल में खिलौना टूट जाए, वो खेल हमें पसंद नही..! Dilon se khelna... read more
गुजरते लम्हों में सदियाँ तलाश करता हूँ, प्यास इतनी है कि नदियाँ तलाश करता हूँ, यहाँ पर लोग गिनाते है खूबियां... read more
दिखाई कब दिया करते हैं बुनियाद के पत्थर… ज़मीं में जो दब गये इमारत उन्हीं पे क़ायम है… Dikhayi kab diya... read more
हमको मिटा सके यह ज़माने में दम नहीं, हमसे ज़माना ख़ुद है ज़माने से हम नहीं। Humko Mita Sake Yeh Zamane... read more
आओ नफरत का किस्सा, दो लाइन में तमाम करें, मुहब्बत जहाँ भी मिले, उसे झुक के सलाम करें aao napharat ka kissa, do lain... read more
तेरे गुरूर को देखकर तेरी तमन्ना ही छोड़ दी हमने, जरा हम भी तो देखें कौन चाहता है तुम्हें हमारी... read more
छोड़ दी है अब हमने वो फनकारी वरना, तुझ जैसे हसीन तो हम कलम से बना देते थे। Chhod Di Hai... read more
महबूब का घर हो या फरिश्तों की हो ज़मी, जो छोड़ दिया फिर उसे मुड़ कर नहीं देखा। Mahboob Ka Ghar... read more
अभी शीशा हूँ सबकी आँखों में चुभता हूं, जब आईना बनूँगा सारा जहाँ देखेगा। Abhi Sheesha Hun Sabki Aankho Mein Chubhta... read more
जो दिल को अच्छा लगता है उसी को दोस्त कहता हूँ, मुनाफ़ा देखकर रिश्तों की सियासत मैं नहीं करता। Jo dil ko accha... read more
दिलों से खेलना हमें भी आता है पर जिस खेल में खिलौना टूट जाए, वो खेल हमें पसंद नही..! Dilon se khelna... read more
गुजरते लम्हों में सदियाँ तलाश करता हूँ, प्यास इतनी है कि नदियाँ तलाश करता हूँ, यहाँ पर लोग गिनाते है खूबियां... read more
दिखाई कब दिया करते हैं बुनियाद के पत्थर… ज़मीं में जो दब गये इमारत उन्हीं पे क़ायम है… Dikhayi kab diya... read more
हमको मिटा सके यह ज़माने में दम नहीं, हमसे ज़माना ख़ुद है ज़माने से हम नहीं। Humko Mita Sake Yeh Zamane... read more
आओ नफरत का किस्सा, दो लाइन में तमाम करें, मुहब्बत जहाँ भी मिले, उसे झुक के सलाम करें aao napharat ka kissa, do lain... read more
तेरे गुरूर को देखकर तेरी तमन्ना ही छोड़ दी हमने, जरा हम भी तो देखें कौन चाहता है तुम्हें हमारी... read more
छोड़ दी है अब हमने वो फनकारी वरना, तुझ जैसे हसीन तो हम कलम से बना देते थे। Chhod Di Hai... read more
महबूब का घर हो या फरिश्तों की हो ज़मी, जो छोड़ दिया फिर उसे मुड़ कर नहीं देखा। Mahboob Ka Ghar... read more