सिर्फ शायरी पढने का रिश्ता ना रखो- Sirph Shayari Padhne Ka Rishta Na Rakho
सिर्फ शायरी पढने का रिश्ता ना रखो
कभी खैरियत भी तो पूछ कर देखो
Sirph shayari padhne ka rishta na rakho
kabhi khairiyat bhi to puch kar dekho
सिर्फ शायरी पढने का रिश्ता ना रखो
कभी खैरियत भी तो पूछ कर देखो
Sirph shayari padhne ka rishta na rakho
kabhi khairiyat bhi to puch kar dekho
मेरी हर बात समझ जातें हो तुम, फिर भी क्युँ मुझे सताते हो तुम तुम बिन कोई और नहीं मेरा, शायद इसी... read more
मत कर हिसाब मेरे प्यार का, कही ऐसा ना हो की…. बाद में तू ही कर्जदार निकले Mat kar hisab mere pyar... read more
आंसू तेरे निकले तो,आंखे मेरी हो, दिल तेरा धड़के तो धड़कन मेरी हो, खुदा करे दोस्ती हमारी इतनी गहेरी हो, के सड़क पर लोग तुम्हे... read more
कमियाँ तो मुझमें भी बहुत है,पर मैं बेईमान नहीं मैं सबको अपना मानता हूँ सोचता फायदा या नुकसान नहीं एक शौक... read more
ऐ दोस्त जिदगी भर मुझसे दोस्ती निभाना ! दिल की कोई भी बात हमसे कभी ना छुपाना ! साथ चलना मेरे... read more
दिमाग पर जोर डालकर गिनते हो गलतियाँ मेरी ! कभी दिल पर हाथ रख कर पूछना की कसूर किसका था... read more
दोस्ती किसी की रियासत नही होती ! मौत किसी की अमानत नहीं होती ! हमारी अदालत में कदम जरा सोचकर रखना... read more
नही छोड़ी कमी किसी भी रिश्ते को निभाने में मैंने कभी… आने वाले को दिल का रास्ता भी दिया और जाने वाले... read more
इन पलकों में कैद कुछ सपने है कुछ बेगाने है कुछ अपने है ना जाने कैसी कशिश है इन ख्यालो में कुछ... read more
हकीकत मोहब्बत की जुदाई होती है कभी कभी प्यार में बेवफाई होती है , हमारे तरफ हाथ बढ़ा कर तो देखो, पता... read more