Ishq Se Mahfooz Samajhte Rhe
वो नकाब लगा कर खुद को इश्क से महफूज़समझते रहे !
नादां इतना भी नहीं समझते कि इश्क चेहरे से नहीं आँखों से शुरू होता है !!
वो नकाब लगा कर खुद को इश्क से महफूज़समझते रहे !
नादां इतना भी नहीं समझते कि इश्क चेहरे से नहीं आँखों से शुरू होता है !!
इश्क़ में कोई खोज नहीं होती, यह हर किसी से हर रोज नहीं होती, अपनी जिंदगी में हमारी मौजूदगी को बेवजह... read more
किसी को चाहो तो इस अंदाज़ से चाहो ! कि वो तुम्हे मिले या ना मिले मगर ! उसे जब भी... read more
तुम जिस रिश्ते से आना चाहो आ जाना ! मेरे चारो तरफ मोहब्बत ही मोहब्बत है !! Tum jis rishte se... read more
मेरी दुनिया में इतनी जो शौहरत है मेरी माँ की बदौलत है ! ऐ मेरे भगवान और क्या देगा तु... read more
देख मेरी आँखों में ख्वाब किसके हैं ! दिल में मेरे सुलगते तूफ़ान किसके हैं ! नहीं गुज़रा कोई आज तक... read more
कितने प्यार से उसने लिखा था साहिल पे मेरा नाम ! बेताब लहरों ने चूम-चूम कर वजूद ही मिटा दिया... read more
कभी कोई अपना अनजान हो जाता है ! कभी अनजान से प्यार हो जाता है ! ये जरुरी नही कि जो... read more
मैं ना जानू इबादत, मुझे माफ़ कर देना ऐ मेरे खुदा ! मैं तो तेरे दर पे आता हूँ, उसकी... read more
तुम साथ हो तो दुनियां अपनी सी लगती है ! वरना सीने मे सांसे भी पराई सी लगती है !! read more
क्युँ इक पल भी तुम बिन रहा नही जाता ! तुम्हारा एक दर्द भी मुझसे सहा नही जाता ! क्युँ इतना... read more