आग लगाना मेरी फितरत में नही है… -Aag Lagaana Meri Phitarat Mein Nahin Hai
आग लगाना मेरी फितरत में नही है,
मेरी सादगी से लोग जलें तो मेरा क्या कसूर।
Aag lagaana meri phitarat mein nahin hai,
meri saadagee se log jalen to mera kya kasoor.
आग लगाना मेरी फितरत में नही है,
मेरी सादगी से लोग जलें तो मेरा क्या कसूर।
Aag lagaana meri phitarat mein nahin hai,
meri saadagee se log jalen to mera kya kasoor.
उइल प्यारल कौ आंखू मे चहाओ के आंण लै रौ नजर मील कौ पैलि आंख साफ कर गिधड़ लै रयी गिधड़….. Uil pyaral... read more
खोटे सिक्के जो अभी अभी चले हैं बाजार में, वो कमियाँ निकाल रहे हैं मेरे किरदार में। Khote Sikke Jo Abhi... read more
रहते है आस पास ही लेकिन साथ नहीं होते, कुछ लोग जलते है मुझसे, बस खाक नहीं होते ! Rehte Hain... read more
बेमतलब की जिंदगी का सिलसिला ख़त्म, अब जिस तरह की दुनिया उस तरह के हम. Be-Matlab Ki Zindgi Ka SilSila Khatm, Ab... read more
हाथ में खंजर ही नहीं आँखों में पानी भी चाहिए, हमें दुश्मन भी थोड़ा खानदानी चाहिए। Haath Mein Khanjar Hi Nahi... read more
गढ़वाली शेरो शायरी – garhwali shayari सौदा नी ब्योपार नी। यु नकद नी उधार नी। माया बस माया होंदी माया कैकि भी चार... read more
मत इतरा मेरी मोहब्बत पाकर पगली… तुझे क्या पता तेरा नम्बर कितनों के बाद आया है। Mat itara meri mohabbat paakar... read more
‘स्माइल’ त्यर देखि बै सब दुख-बिमारी भागी जैं मरणीं लै चंख है जां एक ‘आशा’ ज्यस... read more
ना तो बिका हूँ ना ही कभी बिक पाऊंगा, ये ना समझना मै भी हज़ारो जैसा हूँ। Na to bika hoon... read more
सुन पगली… तू मोहब्बत है मेरी इसलिए दूर है मुझसे, अगर जिद होती तो मेरी बाहों में होती।. Sun Pagli… Tu Mohabbat... read more