कैसे भरोसा हो इस अजनबी दुनिया पर.. -Kaise Bharosa Ho Is Ajanabi Duniya Par
कैसे भरोसा हो इस अजनबी दुनिया पर….
यहां तो अपनी जिंदगी ही मजे लेती हैं..!!
Kaise Bharosa Ho Is Ajanabi Duniya Par….
Yahaan To Apani Jindagi Hi Maje Leti Hain..!!.
तड़पते हैं, न रोते हैं, न हम फ़रियाद करते हैं, सनम की याद में हरदम खुदा को याद करते हैं, उन्हीं... read more
झूम जाते हैं शायरी के लफ्ज़ बहार के पत्तों की तरह, जब शुरू होता है बयां ए हुस्न महबूब का... read more
गढ़वाली शेरो शायरी – garhwali shayari सौदा नी ब्योपार नी। यु नकद नी उधार नी। माया बस माया होंदी माया कैकि भी चार... read more
सूरज, सितारे, चाँद मेरे साथ में रहे, जब तक तुम्हारे हाथ मेरे हाथ में रहे, शाखों से जो टूट जाये वो... read more
शोर करते रहो तुम सुर्ख़ियों में आने का, हमारी तो खामोशियाँ भी एक अखबार हैं। Shor Karte Raho Tum Surkhiyon Me... read more
Na Milne ki Khusi Hogi… Naa Bichhadne Ka Gam… Udas Hain Ham.. Kaise Batayain Kaise hain Ham… Bas Itna Samj Lo... read more
आग लगाना मेरी फितरत में नही है, मेरी सादगी से लोग जलें तो मेरा क्या कसूर। Aag lagaana meri phitarat mein... read more
“खिड़की में बैठ मेरी ईजा चेह री होली बाँट बाँटा कब लौट बे ऊलो मी परदेस बटी लैग रो... read more
दिल दो किसी एक को और वो भी किसी नेक को, मंदिर का प्रसाद नहीं… जो बांट दो हर एक... read more
दिखाई कब दिया करते हैं बुनियाद के पत्थर… ज़मीं में जो दब गये इमारत उन्हीं पे क़ायम है… Dikhayi kab diya... read more