क्या खूब मजबूरिया थी मेरी भी- Kya Khoob Majbooriya Thi Meri Bhi
क्या खूब मजबूरिया थी मेरी भी
अपनी खुशी को छोड़ दिया
उसे खुश देखने के लिए
Kya khoob majbooriya thi meri bhi
apni khushi ko chod diya
use khush dekhne ke liye
क्या खूब मजबूरिया थी मेरी भी
अपनी खुशी को छोड़ दिया
उसे खुश देखने के लिए
Kya khoob majbooriya thi meri bhi
apni khushi ko chod diya
use khush dekhne ke liye
बेइरादा नही आये है हम करीब….. आप के ! थोडा सा दोस्ती का इरादा है दिल में गर इजाजत हो... read more
मैं कभी बुरा नहीं था,पर उसनें मुझे बुरा कह दिया ! फिर मैं बुरा बन गया,ताकि उन्हें कोई झुठ ना... read more
वो रोए तो बहुत, पर मुहं मोड़कर रोए.. कोई तो मजबूरी होगी, जो दिल तोड़कर रोए.. मेरे सामने कर दिए मेरी... read more
मत कर हिसाब मेरे प्यार का, कही ऐसा ना हो की…. बाद में तू ही कर्जदार निकले Mat kar hisab mere pyar... read more
मिल जाए कोई नया तो हमें ना भुला देना, कोई रुलाए तुम्हे तो हमें याद कर लेना, दोस्त रहेंगे उमर भर... read more
जिससे सच्ची मोहब्बत की जाती है उसकी इज्ज़त मोहब्बत से भी ज्यादा की जाती है Jisse sachhi mohabbat ki jati hai uski... read more
मिल जाए कोई नया तो हमें ना भुला देना, कोई रुलाए तुम्हे तो हमें याद कर लेना, दोस्त रहेंगे उमर भर... read more
दोस्ती किसी की रियासत नही होती ! मौत किसी की अमानत नहीं होती ! हमारी अदालत में कदम जरा सोचकर रखना... read more
कभी हमसे भी पल दो पल बातें कर लिया करो ! क्या पता आज हम तरस रहे है कल आप... read more
ऐ दोस्त तेरी दोस्ती पर नाज़ हैं ! हर वक्त मिलने की फरीयाद करते हैं ! हमें नहीं पता घर वाले... read more