क्या खूब मजबूरिया थी मेरी भी- Kya Khoob Majbooriya Thi Meri Bhi
क्या खूब मजबूरिया थी मेरी भी
अपनी खुशी को छोड़ दिया
उसे खुश देखने के लिए
Kya khoob majbooriya thi meri bhi
apni khushi ko chod diya
use khush dekhne ke liye
क्या खूब मजबूरिया थी मेरी भी
अपनी खुशी को छोड़ दिया
उसे खुश देखने के लिए
Kya khoob majbooriya thi meri bhi
apni khushi ko chod diya
use khush dekhne ke liye
मत कर हिसाब मेरे प्यार का, कही ऐसा ना हो की…. बाद में तू ही कर्जदार निकले Mat kar hisab mere pyar... read more
रिश्ते उन्ही से बनाओ जो निभाने की औकात रखते हो Rishte unhi se banao jo nibhane ki aukaat rakhte ho read more
तेरा मेरा नाम लिखा था जिन पर हमने बचपन में ! उन पेड़ों से आज भी तेरे हाथों की खुश़बू... read more
बेइरादा नही आये है हम करीब….. आप के ! थोडा सा दोस्ती का इरादा है दिल में गर इजाजत हो... read more
भूलना चाहो तो भी याद हमारी आएगी, दिल की गहराई मे हमारी तस्वीर बस जाएगी. ढूढ़ने चले हो हमसे बेहतर दोस्त, तलाश... read more
दोस्ती करो तो हमेशा मुस्कुरा के किसी को धोखा ना दो अपना बना के कर लो याद जब तक हम जिन्दा... read more
ये प्रॉमिस है हमारा, ना छोड़ेंगे कभी साथ तुम्हारा, जो गए तुम हमें भूल कर ले आएंगे पकड़ के हाथ तुम्हारा Ye Promise... read more
किस्मत पर एतबार किसको हैं ! मिल जाये खुसी इंकार किसको हैं ! कुछ मजबूरियां हैं मेरे दोस्त ! वरना जुदाई से... read more
हम तो बिछड़े थे तुमको अपना अहसास दिलाने के लिए मगर तुमने तो मेरे बिना ही जीना सीख लिया ham to... read more
जिससे सच्ची मोहब्बत की जाती है उसकी इज्ज़त मोहब्बत से भी ज्यादा की जाती है Jisse sachhi mohabbat ki jati hai uski... read more