जहाँ कदर न हो अपनी… -Jaha Kadar Na Ho Apni
जहाँ कदर न हो अपनी वहाँ जाना फ़िज़ूल है,
चाहे किसी का घर हो चाहे किसी का दिल।
Jaha Kadar Na Ho Apni Waha Jana Fizul Hai,
Chahe Kisi Ka Ghar Ho Chaahe Kisi Ka Dil..
garhwali shayari – गढ़वाली शेरो शायरी एक नौनी पाणी का पन्देरा मा दिख ग्याई तेंकी तस्वीर मेरा दिल मा छपी ग्याई जब... read more
आओ नफरत का किस्सा, दो लाइन में तमाम करें, मुहब्बत जहाँ भी मिले, उसे झुक के सलाम करें aao napharat ka kissa, do lain... read more
तू घिनोड़ि गूड़ जसी, नानि-नानी बानां। मिठ त्यौर बुलांण लागूं, भौल त्यौरो चाणा। Tu ghinodee gud jasee, naani-naani banan. mith tyaur bulan laagun, bhaul tyaro... read more
ख्वाब में तो ख्वाब पूरे हो नहीं सकते कभी, इसलिए राहे हकीकत पर चला करता हूँ मैं। Khwab Mein Toh Khwab... read more
तड़पते हैं, न रोते हैं, न हम फ़रियाद करते हैं, सनम की याद में हरदम खुदा को याद करते हैं, उन्हीं... read more
हमको मिटा सके यह ज़माने में दम नहीं, हमसे ज़माना ख़ुद है ज़माने से हम नहीं। Humko Mita Sake Yeh Zamane... read more
एहसान ये रहा तोहमत लगाने वालों का मुझ पर, उठती उँगलियों ने मुझे मशहूर कर दिया। Ehsaan Yeh Raha Tohmat Lagane... read more
जीत रही हूँ लाखो लोगो का दिल ये दो शायरी करके,,, लेकिन लोगो को क्या पता अंदर से कितनी अकेली... read more
कह देना समुंदर से हम ओस के मोती हैं… दरिया की तरह तुझ से मिलने नहीं आएँगे..|| Kah Dena Samundar Se... read more
garhwali shayari – गढ़वाली शेरो शायरी स्याण चांदु छो पर नींद नी आंदी चा, करवट बदल – बदली की यनी रात... read more