जहाँ कदर न हो अपनी… -Jaha Kadar Na Ho Apni
जहाँ कदर न हो अपनी वहाँ जाना फ़िज़ूल है,
चाहे किसी का घर हो चाहे किसी का दिल।
Jaha Kadar Na Ho Apni Waha Jana Fizul Hai,
Chahe Kisi Ka Ghar Ho Chaahe Kisi Ka Dil..
तेरे गुरूर को देखकर तेरी तमन्ना ही छोड़ दी हमने, जरा हम भी तो देखें कौन चाहता है तुम्हें हमारी... read more
garhwali shayari – गढ़वाली शेरो शायरी अपणु दुःख तू अपणा पास रख। सुख जरूर आलु, विस्वास रख। दुःखी ह्वोणों जख यौ कारण... read more
garhwali shayari – गढ़वाली शेरो शायरी एक नौनी पाणी का पन्देरा मा दिख ग्याई तेंकी तस्वीर मेरा दिल मा छपी ग्याई जब... read more
मौसम ठन्डु छ जरा अपडु ख्याल रख्या, अपणी दोस्ती इनी बरकरार रख्या, हमारी यादोँ की खुशबू जरुर आली, बस तुम अपणी प्यारी... read more
हैसंण उईक कमाल होय, हिटौंण एकदम गजब बुलांण में मिसिर घुली चाहिये रै जानी सब…. Haisan uik kamaal hoy, hiton ekdam gajab bulan mein misir... read more
लाख तलवारे बढ़ी आती हों गर्दन की तरफ, सर झुकाना नहीं आता तो झुकाए कैसे। Lakh Talwarein Badi Aati Hon Gardan... read more
दिखावे की मोहब्बत तो जमाने को हैं हमसे पर, ये दिल तो वहाँ बिकेगा जहाँ ज़ज्बातो की कदर होगी। Dikhaave Ki... read more
आदते बुरी नहीं, शौक ऊँचे हैं, वर्ना किसी ख्वाब की इतनी औकात नही कि,हम देखे और पूरा ना हो। Aadatein Buri Nahi... read more
लाख तलवारे बढ़ी आती हों गर्दन की तरफ, सर झुकाना नहीं आता तो झुकाए कैसे। Laakh talavaare badhee aatee ho gardan... read more
कैसे भरोसा हो इस अजनबी दुनिया पर…. यहां तो अपनी जिंदगी ही मजे लेती हैं..!! Kaise Bharosa Ho Is Ajanabi Duniya... read more