जहाँ कदर न हो अपनी… -Jaha Kadar Na Ho Apni
जहाँ कदर न हो अपनी वहाँ जाना फ़िज़ूल है,
चाहे किसी का घर हो चाहे किसी का दिल।
Jaha Kadar Na Ho Apni Waha Jana Fizul Hai,
Chahe Kisi Ka Ghar Ho Chaahe Kisi Ka Dil..
झूम जाते हैं शायरी के लफ्ज़ बहार के पत्तों की तरह, जब शुरू होता है बयां ए हुस्न महबूब का... read more
कचरे में फेंकी हुई रोटियां रोज ये ब्यान करती है.. कि पेट भरते ही इंसान अपनी औकात भूल जाता है…!! Kachare... read more
तू घिनोड़ि गूड़ जसी, नानि-नानी बानां। मिठ त्यौर बुलांण लागूं, भौल त्यौरो चाणा। Tu ghinodee gud jasee, naani-naani banan. mith tyaur bulan laagun, bhaul tyaro... read more
गुजरते लम्हों में सदियाँ तलाश करता हूँ, प्यास इतनी है कि नदियाँ तलाश करता हूँ, यहाँ पर लोग गिनाते है खूबियां... read more
सूरज, सितारे, चाँद मेरे साथ में रहे, जब तक तुम्हारे हाथ मेरे हाथ में रहे, शाखों से जो टूट जाये वो... read more
garhwali shayari – गढ़वाली शेरो शायरी ख्याल त्येरू मैं दगडी दिन रात रेंदू. मन ब्वोदू हाथों माँ त्येरू हाथ चेंदू. जिकुड़ी करदी... read more
डीपी त्येरी झम्म लागूंछौ, मि मारनूं कमेंटा। द्वी बात मिहीं ल करले, पि ले म्यर दगाड़, फैंटा… DP tyaaree jhamm laagunchau, Mi maranu commenta dvi... read more
Na Milne ki Khusi Hogi… Naa Bichhadne Ka Gam… Udas Hain Ham.. Kaise Batayain Kaise hain Ham… Bas Itna Samj Lo... read more
चलो आज फिर थोडा मुस्कुराया जाये, बिना माचिस के कुछ लोगो को जलाया जाये। Chalo Aaj Phir Thoda Muskuraya Jaye, Bina Maachis... read more
अगर लोग यूँ ही कमियां निकालते रहे तो, एक दिन सिर्फ खूबियाँ ही रह जायेगी मुझमें । Log Agar Yun Hi... read more