तुम लौट के आने का तकल्लुफ़ मत करना… -Tum Laut Ke Aane Ka Takalluf Mat Karna
तुम लौट के आने का तकल्लुफ़ मत करना,
हम एक मोहब्बत को दोबारा नहीं करते।
Tum laut ke aane ka takalluf mat karna,
ham ek mohabbat ko dobaara nahin karte
तुम लौट के आने का तकल्लुफ़ मत करना,
हम एक मोहब्बत को दोबारा नहीं करते।
Tum laut ke aane ka takalluf mat karna,
ham ek mohabbat ko dobaara nahin karte
आदते बुरी नहीं, शौक ऊँचे हैं, वर्ना किसी ख्वाब की इतनी औकात नही कि,हम देखे और पूरा ना हो। Aadatein Buri Nahi... read more
ख्वाब में तो ख्वाब पूरे हो नहीं सकते कभी, इसलिए राहे हकीकत पर चला करता हूँ मैं। Khwab Mein Toh Khwab... read more
जहाँ कदर न हो अपनी वहाँ जाना फ़िज़ूल है, चाहे किसी का घर हो चाहे किसी का दिल। Jaha Kadar Na... read more
हमारी शख्सियत का अंदाज़ा, तुम ये जान के लगा लो, हम कभी उनके नही होते, जो हर किसी के हो जाए। Hamaari shakhsiyat... read more
सूरज, चाँद और सितारे मेरे साथ में रहे, जब तक तुम्हारा हाथ मेरे हाथ में रहे, शाखों से जो टूट जाये... read more
दिखाई कब दिया करते हैं बुनियाद के पत्थर… ज़मीं में जो दब गये इमारत उन्हीं पे क़ायम है… Dikhayi kab diya... read more
इतना भी गुमान न कर अपनी जीत पर ऐ बेखबर, शहर में तेरे जीत से ज्यादा चर्चे तो मेरी हार... read more
खुशबू बनकर गुलों से उड़ा करते हैं, धुआं बनकर पर्वतों से उड़ा करते हैं, हमें क्या रोकेंगे ये ज़माने वाले, हम परों... read more
एहसान ये रहा तोहमत लगाने वालों का मुझ पर, उठती उँगलियों ने मुझे मशहूर कर दिया। Ehsaan Yeh Raha Tohmat Lagane... read more
कह देना समुंदर से हम ओस के मोती हैं… दरिया की तरह तुझ से मिलने नहीं आएँगे..|| Kah Dena Samundar Se... read more