लाख तलवारे बढ़ी आती हों गर्दन की तरफ… -Lakh Talwarein Badi Aati Hon Gardan Ki Taraf
लाख तलवारे बढ़ी आती हों गर्दन की तरफ,
सर झुकाना नहीं आता तो झुकाए कैसे।
Lakh Talwarein Badi Aati Hon Gardan Ki Taraf,
Sar Jhukana Nahi Aata Toh Jhukayein Kaise.
लाख तलवारे बढ़ी आती हों गर्दन की तरफ,
सर झुकाना नहीं आता तो झुकाए कैसे।
Lakh Talwarein Badi Aati Hon Gardan Ki Taraf,
Sar Jhukana Nahi Aata Toh Jhukayein Kaise.
ना तो बिका हूँ ना ही कभी बिक पाऊंगा, ये ना समझना मै भी हज़ारो जैसा हूँ। Na to bika hoon... read more
गुजरते लम्हों में सदियाँ तलाश करता हूँ, प्यास इतनी है कि नदियाँ तलाश करता हूँ, यहाँ पर लोग गिनाते है खूबियां... read more
अपनी शख्शियत की क्या मिसाल दूँ यारों ना जाने कितने मशहूर हो गये मुझे बदनाम करते करते। Apni Shakhsiyat Ki Kya Misaal... read more
भूलकर हमें अगर तुम रहते हो सलामत, तो भूलके तुमको संभालना हमें भी आता है, मेरी फ़ितरत में ये आदत नहीं... read more
खुशबू बनकर गुलों से उड़ा करते हैं, धुआं बनकर पर्वतों से उड़ा करते हैं, हमें क्या रोकेंगे ये ज़माने वाले, हम परों... read more
अभी सूरज नहीं डूबा जरा सी शाम होने दो, मैं खुद लौट जाऊंगा मुझे नाकाम तो होने दो, मुझे बदनाम करने... read more
दिलों से खेलना हमें भी आता है पर जिस खेल में खिलौना टूट जाए, वो खेल हमें पसंद नही..! Dilon se khelna... read more
सबके दिलों में धड़कना जरूरी नहीं होता साहब, लोगों की आँखों में खटकने का भी एक मजा है। Sabke Dilon Mein... read more
तुम लौट के आने का तकल्लुफ़ मत करना, हम एक मोहब्बत को दोबारा नहीं करते। Tum laut ke aane ka takalluf... read more
Kabhi pehli bar school jaane mei dar lagta tha.. Aaj har rasta khud hi chunte hai !! Kabhi mummy-papa ki har... read more