वो बचपन के दिन भी क्या खूब थे- Wo Bachpan Ke Din Bhi Kya Khoob The
वो बचपन के दिन भी क्या खूब थे !
ना दोस्ती का मतलब पता था ना मतलब की दोस्ती थी !!
Wo bachpan ke din bhi kya khoob the!
na dosti ka matlab pata tha na matlab ki dosti thi !!
वो बचपन के दिन भी क्या खूब थे !
ना दोस्ती का मतलब पता था ना मतलब की दोस्ती थी !!
Wo bachpan ke din bhi kya khoob the!
na dosti ka matlab pata tha na matlab ki dosti thi !!
दोस्ती वो नहीं जो जान देती है, दोस्ती वो भी नहीं जो मुस्कान देती है, अरे सच्ची दोस्ती तो वो है.. जो... read more
क्या खूब मजबूरिया थी मेरी भी अपनी खुशी को छोड़ दिया उसे खुश देखने के लिए Kya khoob majbooriya thi meri bhi apni... read more
बहुत खूबसूरत होते है ऐसे रिश्ते जिन पर कोई हक भी ना हो और कोई शक भी न हो Bahut khubsurat hote... read more
ऐ दोस्त जरा सभल कर चलना यहा ऐसे बहुत लोग मिलेंगे जो सिर्फ वक़्त गुजारने की लिए मिलेंगे ai dost jara sambhal... read more
वो रोए तो बहुत, पर मुहं मोड़कर रोए.. कोई तो मजबूरी होगी, जो दिल तोड़कर रोए.. मेरे सामने कर दिए मेरी... read more
दोस्ती किसी की रियासत नही होती ! मौत किसी की अमानत नहीं होती ! हमारी अदालत में कदम जरा सोचकर रखना... read more
“दिन बीत जाते हैं सुहानी यादें बनकर, बातें रह जाती हैं कहानी बनकर, पर दोस्त तो हमेशा दिल के करीब रहेंगे, कभी... read more
दावे दोस्ती के मुझे नहीं आते यारो ! एक जान है जब दिल चाहें मांग लेना !! Daave dosti ke mujhe... read more
अगर तुम्हें यकीं नहीं तो कहने को कुछ नहीं मेरे पास ! अगर तुम्हें यकीं है तो मुझे कुछ कहने... read more
मिलना बिछड़ना सब किस्मत का खेल है कभी नफरत तो कभी दिलों का मेल है बिक जाता है हर रिश्ता दुनिया... read more