सिर्फ शायरी पढने का रिश्ता ना रखो- Sirph Shayari Padhne Ka Rishta Na Rakho
सिर्फ शायरी पढने का रिश्ता ना रखो
कभी खैरियत भी तो पूछ कर देखो
Sirph shayari padhne ka rishta na rakho
kabhi khairiyat bhi to puch kar dekho
सिर्फ शायरी पढने का रिश्ता ना रखो
कभी खैरियत भी तो पूछ कर देखो
Sirph shayari padhne ka rishta na rakho
kabhi khairiyat bhi to puch kar dekho
दावे दोस्ती के मुझे नहीं आते यारो ! एक जान है जब दिल चाहें मांग लेना !! Daave dosti ke mujhe... read more
मिल जाए कोई नया तो हमें ना भुला देना, कोई रुलाए तुम्हे तो हमें याद कर लेना, दोस्त रहेंगे उमर भर... read more
जिंदगी कब अपने आप को अंजाम देगी क्या पता ! जिंदगी कब आखरी सांस लेगी क्या पता ! सदा मिलते रहो... read more
वो बचपन के दिन भी क्या खूब थे ! ना दोस्ती का मतलब पता था ना मतलब की दोस्ती थी... read more
दिल के दरवाजो को हमेशा ही खुला रखती हूँ ! कहा है उन्होंने देर लगेगी पर आएंगे जरूर !! Dil ke... read more
रिश्ते तोड़ देना हमारी फितरत मे नही ! हम तो बदनाम हैं रिश्ते निभाने के लिए !! Rishte tod dena hamaari... read more
उदास नहीं होना, क्योंकि मैं साथ हूँ सामने न सही पर आस-पास हूँ पल्को को बंद कर जब भी दिल में... read more
दोस्ती करो तो हमेशा मुस्कुरा के किसी को धोखा ना दो अपना बना के कर लो याद जब तक हम जिन्दा... read more
कुछ रिश्ते अनजाने में बन जाते हैं, पहले दिलसे फिर ज़िन्दगी से जुड़ जाते हैं, कहते हैं उस पल को दोस्ती, जिसमे... read more
क्या खूब मजबूरिया थी मेरी भी अपनी खुशी को छोड़ दिया उसे खुश देखने के लिए Kya khoob majbooriya thi meri bhi apni... read more