क्या खूब मजबूरिया थी मेरी भी- Kya Khoob Majbooriya Thi Meri Bhi
क्या खूब मजबूरिया थी मेरी भी
अपनी खुशी को छोड़ दिया
उसे खुश देखने के लिए
Kya khoob majbooriya thi meri bhi
apni khushi ko chod diya
use khush dekhne ke liye
क्या खूब मजबूरिया थी मेरी भी
अपनी खुशी को छोड़ दिया
उसे खुश देखने के लिए
Kya khoob majbooriya thi meri bhi
apni khushi ko chod diya
use khush dekhne ke liye
भूलना चाहो तो भी याद हमारी आएगी, दिल की गहराई मे हमारी तस्वीर बस जाएगी. ढूढ़ने चले हो हमसे बेहतर दोस्त, तलाश... read more
वो रोए तो बहुत, पर मुहं मोड़कर रोए.. कोई तो मजबूरी होगी, जो दिल तोड़कर रोए.. मेरे सामने कर दिए मेरी... read more
मिल जाए कोई नया तो हमें ना भुला देना, कोई रुलाए तुम्हे तो हमें याद कर लेना, दोस्त रहेंगे उमर भर... read more
तेरा मेरा नाम लिखा था जिन पर हमने बचपन में ! उन पेड़ों से आज भी तेरे हाथों की खुश़बू... read more
प्यारी सी दोस्ती को सलाम हमारा ! आप कैसे हैं सवाल हमारा ! याद करते रहेंगे ये वादा हमारा !! Pyari si... read more
अगर तुम्हें यकीं नहीं तो कहने को कुछ नहीं मेरे पास ! अगर तुम्हें यकीं है तो मुझे कुछ कहने... read more
नही छोड़ी कमी किसी भी रिश्ते को निभाने में मैंने कभी… आने वाले को दिल का रास्ता भी दिया और जाने वाले... read more
मुझे उसकी ये नादान अदा खूब भाती हैं, नाराज़ मुझसे होती हैं और गुस्सा सबको दिखाती हैं Mujhe uski ye nadaan... read more
तेरे संग हुई जो गुफ्तगु आज फ़िर से ! लगा जैसे.खोए हुए रास्ते फ़िर से हमें मिल गए !! Tere sang... read more
ऐ दोस्त जरा सभल कर चलना यहा ऐसे बहुत लोग मिलेंगे जो सिर्फ वक़्त गुजारने की लिए मिलेंगे ai dost jara sambhal... read more