तुम लौट के आने का तकल्लुफ़ मत करना… -Tum Laut Ke Aane Ka Takalluf Mat Karna
तुम लौट के आने का तकल्लुफ़ मत करना,
हम एक मोहब्बत को दोबारा नहीं करते।
Tum laut ke aane ka takalluf mat karna,
ham ek mohabbat ko dobaara nahin karte
तुम लौट के आने का तकल्लुफ़ मत करना,
हम एक मोहब्बत को दोबारा नहीं करते।
Tum laut ke aane ka takalluf mat karna,
ham ek mohabbat ko dobaara nahin karte
Na Milne ki Khusi Hogi… Naa Bichhadne Ka Gam… Udas Hain Ham.. Kaise Batayain Kaise hain Ham… Bas Itna Samj Lo... read more
गुमां इतना नहीं अच्छा तू सुन ले पहले जाने के, पलटने पर मुकर सकता हूँ तुझको जानने से भी। Gumaan Itna... read more
एहसान ये रहा तोहमत लगाने वालों का मुझ पर, उठती उँगलियों ने मुझे मशहूर कर दिया। Ehsaan Yeh Raha Tohmat Lagane... read more
ठोकर ना लगा मुझे पत्थर नहीं हूँ मैं, हैरत से ना देख कोई मंज़र नहीं हूँ मैं, तेरी नज़र में मेरी... read more
आदते बुरी नहीं, शौक ऊँचे हैं, वर्ना किसी ख्वाब की इतनी औकात नही कि,हम देखे और पूरा ना हो। Aadatein Buri Nahi... read more
सब तेरी मोहब्बत की इनायत है, वरना मैं क्या मेरा दिल क्या मेरी शायरी क्या Sab teri mohabbat kee inaayat... read more
गुमान ना कर अपने दिमाग पर ऐ दोस्त, जितना तेरे पास है उतना तो मेरा खराब रहता है। Gumaan Na Kar... read more
महबूब का घर हो या फरिश्तों की हो ज़मी, जो छोड़ दिया फिर उसे मुड़ कर नहीं देखा। Mahboob Ka Ghar... read more
हाथ में खंजर ही नहीं आँखों में पानी भी चाहिए, हमें दुश्मन भी थोड़ा खानदानी चाहिए। Haath Mein Khanjar Hi Nahi... read more
बैठता वहीं हूँ, जहाँ अपनेपन का अहसास है मुझको, यूँ तो ज़िंदगी में कितने ही लोग आवाज देते हैं मुझको।. Baithta Wahi Hoon, Jahaan... read more