वो बचपन के दिन भी क्या खूब थे- Wo Bachpan Ke Din Bhi Kya Khoob The
वो बचपन के दिन भी क्या खूब थे !
ना दोस्ती का मतलब पता था ना मतलब की दोस्ती थी !!
Wo bachpan ke din bhi kya khoob the!
na dosti ka matlab pata tha na matlab ki dosti thi !!
वो बचपन के दिन भी क्या खूब थे !
ना दोस्ती का मतलब पता था ना मतलब की दोस्ती थी !!
Wo bachpan ke din bhi kya khoob the!
na dosti ka matlab pata tha na matlab ki dosti thi !!
कमियाँ तो मुझमें भी बहुत है,पर मैं बेईमान नहीं मैं सबको अपना मानता हूँ सोचता फायदा या नुकसान नहीं एक शौक... read more
हम तो बिछड़े थे तुमको अपना अहसास दिलाने के लिए मगर तुमने तो मेरे बिना ही जीना सीख लिया ham to... read more
क्या खूब मजबूरिया थी मेरी भी अपनी खुशी को छोड़ दिया उसे खुश देखने के लिए Kya khoob majbooriya thi meri bhi apni... read more
तेरे संग हुई जो गुफ्तगु आज फ़िर से ! लगा जैसे.खोए हुए रास्ते फ़िर से हमें मिल गए !! Tere sang... read more
दिमाग पर जोर डालकर गिनते हो गलतियाँ मेरी ! कभी दिल पर हाथ रख कर पूछना की कसूर किसका था... read more
जिससे सच्ची मोहब्बत की जाती है उसकी इज्ज़त मोहब्बत से भी ज्यादा की जाती है Jisse sachhi mohabbat ki jati hai uski... read more
टूटे दिल को, संभलने की आस क्या रखिये ! कितना खोया ज़िंदगी में हिसाब क्या रखिये ! अगर बांटनी है तो... read more
तेरा मेरा नाम लिखा था जिन पर हमने बचपन में ! उन पेड़ों से आज भी तेरे हाथों की खुश़बू... read more
दावे दोस्ती के मुझे नहीं आते यारो ! एक जान है जब दिल चाहें मांग लेना !! Daave dosti ke mujhe... read more
हर रोज इतना मुस्कुराया करो की ग़म भी कहे ! यार मै गलती से कहा आ गया !! Har roz itna... read more